Neemgoan state raja kunwar jagmohan singh gaharwar lakimpur kheri: नीमगाँव स्टेट - राजा, साहब कुंवर जगमोहन सिंह गहरवार (कन्नौजिया) ज़िला लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)   गौत्र - गहरवार

नीमगांव एस्टेट के अंतिम शासक स्वर्गीय राजा साहब कुंवर जगमोहन सिंह जी थे, जिनकी एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी जिसके बाद एस्टेट को अंग्रेजों और राजा साहब के अन्य रिश्तेदारों द्वारा लूट लिया गया था

नीमगांव एस्टेट लखीमपुर खीरी जिले की सबसे बड़ी ज़मींदारी थी और यूनाइटेड प्रोविंस की सबसे समृद्ध ज़मींदारी में से एक थी। ब्रिटिश सरकार ने राजा साहब को तीन हत्याओं के लिए माफ़ी भी दी थी। इसके अलावा नीमगांव एस्टेट अवध क्षेत्र की एकमात्र ज़मींदारी थी जिसे 11 तोपों की सलामी मिलती थी। कुरमियों का यह तालुका लखीमपुर खीरी जिले में स्थित था । इसके अर्न्तगत कई सौ गांव थे । इसके अन्तिम राजा जगमोहन सिंह थे जो तालुकेदार कालिज लखनऊ में शिक्षा प्राप्त थे, जिन्हें कई तोपों की सलामी दी जाती थी और उन्हें कहा जाता है कि अंग्रेज सरकार की ओर से 3 खून माफ थे । इन राजा साहिब की पत्नी रानी राम चांदनी देवी थी, जोकि पीलीभीत शहर के जयसवार जैसवार शाला सीताराम जी की सुपुत्री थी ।

जब शाला सीताराम जी के ज्येष्ठ पुत्र रामलखन सिंह की बारात आगरा शहर में सड़क से गुजर रही थी, एक हाथी पर नीमगांब स्टेट के राजा जगमोहन सिंह बैठे थे, उनके सम्मान में शहर का अंग्रेज कलक्टर भी घोड़े पर बरात के साथ चल रहा था । राजासाहब से छोटे भाई ने षड्यन्त्र द्वारा जो व्यक्ति हवाई फायर कर रहा था उसी के एक फायर उनके सिर की ओर, राजा बनने के लोभ में करवा दिया । राजा गोली की निशाना बनते ही मारे गये । मुकदमा चला, राजा साहब का भाई छूट गया पर स्टेट को कोर्ट आफ वार्ड में ले लिया गया । रानी राम चांदनी देवी 9 माह मात्र का विवाहित जीवन भोगकर विधवा हो गयी। नीम गांव स्टेट का सारा धन शनैः शनैः बाहर वाले उठा ले गये । राजा साहब के भाई का नाम राजा गौरी शंकर सिंह था इन के भी कोई सन्तान न थी । उनकी मां ने बड़ी विधवा बहू को पीलीभीत से बुलाकर उनका हिस्सा दिया पर वह सब कर्ता-धर्ता हड़प गये । इस समय राजा गौरी शंकर सिंह की पत्नी बड़े कष्ट में हैं । इस प्रकार नीम गांव स्टेट के कुरमी राज-परिवार का अन्तःकलह से अन्त हो गया ।

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